शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए? आईये जानते है कैसे होगी शिव जी की पूजा सम्पूर्ण जब आप उनको जल चढ़ाओगे
मान्यता है की महादेव को दूध,जल से अभिषिक करने से भोलेनाथ महादेव प्रसन्ना होते हैं। उनकी कृपा से संसार के दुखों को झेलने की अपार शक्ति मिल जाती है । वैसे तो महादेव बोहोत भोले हैं और अपने भक्तों की साड़ी मनोकामना वो ऐसे ही पूरी कर देते हैं । बस भक्त थोड़ी सी पूजा करदे तो वो प्रसन्ना हो जाते है और उनकी जीवन में आये किस्तों से निजाद दिला देते है। फिर भी अगर आप महादेव को और प्रसन्ना करना चाहता है तो शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद इन मन्त्रों का जाप करें ।
ॐ अघोराय नम: ।
ॐ शर्वाय नम: ।
ॐ विरूपाक्षाय नम: ।
ॐ विश्वरूपिणे नम: ।
ॐ त्र्यम्बकाय नम:।
ॐ कपर्दिने नम: ।
ॐ भैरवाय नम: ।
ॐ शूलपाणये नम:।
ॐ ईशानाय नम: ।
ॐ महेश्वराय नम:।
ॐ ऊर्ध्व भू फट् ।
ॐ नमः शिवाय ।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
ॐ इं क्षं मं औं अं ।
ॐ प्रौं ह्रीं ठः ।
ॐ नमो नीलकण्ठाय ।
ॐ पार्वतीपतये नमः ।
ॐ पशुपतये नम: ।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय |
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय |
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय|
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे “म” काराय नमः शिवायः॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय |
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै”शि” काराय नमः शिवायः॥
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय|
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै”व” काराय नमः शिवायः॥
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय|
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै “य” काराय नमः शिवायः॥
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत शिव सन्निधौ|
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।